हनुमान जन्मोत्सव 23 अप्रैल को.. जाने क्या है ख़ास

​             हनुमान जयंती का महत्व और खास संयोग

कोरबा टाइम्स】इसस साल हनुमान जयंती का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है क्योंकि हनुमान जयंती मंगलवार के दिन है। जब हनुमान जयंती मंगलवार या शनिवार के दिन पड़ती है, तो हनुमान जयंती और भी विशेष होती है। इसके अलावा इस दिन चित्रा नक्षत्र भी पड़ रहा है, चित्रा नक्षत्र के स्वामी मंगल है। मंगलवार का दिन भगवान हनुमान को समर्पित होता है। हनुमान जयंती पर एक और संयोग बन रहा है कि इस दिन मंगल मीन राशि में गोचर कर रहे हैं। पौराणिक कहानियों के अनुसार हनुमान जी को अमरत्व का वरदान प्राप्त है। हनुमान बाबा पर आस्था और श्रद्धा रखने वाले भक्त मानते हैं कि हनुमान जी कलियुग में भी हैं और अपने भक्तों के सभी संकटों और कष्टों को दूर कर रहे हैं। जो लोग आकस्मिक संकट, रोग पीड़ा, मृत्यु भय जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, उन्हें हनुमान जी की पूजा जरूर करनी चाहिए

राम भक्त महाबली हनुमान का प्रकट उत्सव हर साल उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस साल हनुमान जन्मोत्सव चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल 2024 को सुबह 03.25 मिनट पर प्रारंभ होगी और 24 अप्रैल 2024 को सुबह 05.18 बजे खत्म होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, हनुमान जन्मोत्सव 23 अप्रैल, मंगलवार को मनाया जाएगा।

हनुमान की आराधना से प्रसन्न होते हैं शनिदेव ….बाल कृष्ण पांडेय

पंडित बाल कृष्ण पांडेय जी के मुताबिक, हनुमान जी की आराधना करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। यदि किसी जातक की कुंडली में शनि दोष है तो चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को किए जाने कुछ उपाय उसके लिए फायदेमंद साबित होंगे।

शनि दोष से मुक्ति के लिए उपाय
हनुमान जन्मोत्सव पर सुन्दरकाण्ड, हनुमान चालीसा और शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
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हनुमान जी की पूजा के दौरान काले तिल का तेल और नीले रंग के फूल जरूर अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं।
हनुमान जन्मोत्सव पर काली गाय की सेवा करनी चाहिए। काली गाय की सेवा करने से शनि दोष कम होता है। जातक के जीवन में आ रही बाधाएं दूर हो जाती है। काली गाय की पूजा व आरती करना चाहिए और घी लगी रोटी खिलाना चाहिए।
सूर्यास्त के बाद हनुमान जी के साथ में शनिदेव की पूजा करना चाहिए। शाम के समय बरगद और पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना शुभ होता है।
रुद्राक्ष की माला से शनि मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से शनिदेव के साथ-साथ हनुमान जी भी प्रसन्न होते हैं और सुख-संपत्ति का आशीर्वाद देते हैं।

 

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