【कोरबा टाइम्स】कोरबा। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रचार-प्रसार ने जोर पकड़ लिया है। घोषित प्रत्याशी अपने-अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए तरह-तरह का सहारा ले रहे हैं जिसमें सोशल मीडिया एक सशक्त माध्यम है। भाजपा ने पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक कार्टून पोस्टर वायरल किया जिसमें कोरबा लोकसभा की मौजूदा कांग्रेस सांसद ज्योत्स्ना चरणदास महंत को लापता बताया।
मौजूदा संसद को लापता बताने वाले भाजपा के इस कार्टून के जवाब में कांग्रेस ने भी सोशल मीडिया पर कार्टून पोस्ट किया है। यह पोस्ट भी काफी सुर्खियां बटोर रहा है। भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडे से सवाल किया जा रहा है कि-
“मैडम कार्यकर्ता पूछ रहे हैं कि कोरबा में आप वोटिंग तक रहेंगी की रिजल्ट तक…। इसी कार्टून में कमेंट भी है कि-तुम तो ठहरे परदेशी साथ क्या निभाओगे…..! चुनाव के बाद लिंक एक्सप्रेस से वापस लौट जाओगे….!
युवा कांग्रेस महामंत्री मधुसूदन दास का यह जवाबी कार्टून पोस्टर सोशल मीडिया में काफी पॉपुलर हो रहा है और लोग इसे काफी पसंद कर चुटकियां भी ले रहे हैं।
बताते चलें कि कोरबा लोकसभा क्षेत्र में मुकाबला काफी रोचक और दिलचस्प होने वाला है। यहां मौजूदा सांसद श्रीमती ज्योत्स्ना महंत जहां स्थानीय होने के साथ-साथ अपनी सहज और सरल छवि तथा वाक्पटुता के कारण खासकर महिलाओं के बीच काफी लोकप्रिय और संजीदा हैं वहीं दूसरी ओर सरोज पांडे राष्ट्रीय नेतृत्व के तौर पर लोगों के बीच जानी जाती हैं। इस चुनाव में लोग भले ही कई तरह की बातें करते हों लेकिन चुनाव के प्रारंभ से लेकर अंत तक स्थानीय और बाहरी का मुद्दा पूरी तरह से हावी रहने वाला है। इस मुद्दे को चुनाव तक किसी भी तरह से अनदेखा या इनकार नहीं किया जा सकता है।स्थानीय नेताओं को दरकिनार कर बाहरी पर भरोसा।
कोरबा लोकसभा क्षेत्र के कोरबा व कटघोरा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सामान्य प्रत्याशी की जगह ओबीसी प्रत्याशी घोषित कर चुनाव मैदान में बाजी मारी है। फिर ऐसा क्या हो गया कि कोरबा लोकसभा चुनाव में ओबीसी प्रत्याशी की जगह सामान्य वर्ग की प्रत्याशी को भाजपा ने मैदान में उतार दिया।
कोरबा लोकसभा क्षेत्र में आदिवासी समाज के मतदाता की बहुलता है। ऐसे में भाजपा को यहां से एसटी या ओबीसी प्रत्याशी को मैदान में उतारना था लेकिन बात यही है कि जहां एक अनार हो तो सभी फल चाहते हैं बस यही कहानी यहां चरितार्थ हो गई। टिकट की दौड़ में कोरबा से नवीन पटेल, विकास रंजन महतो, जोगेश लांबा, अशोक चावलानी सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे। भाजपा ने इन सभी को दरकिनार करते हुए दुर्ग संभाग निवासी और राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय को मैदान में उतार कर सभी को चौका दिया है। जबकि सरोज
पांडे ने पहली प्राथमिकता में रायपुर और बिलासपुर से टिकट के लिए मांग की थी। पार्टी ने इस जगह से इनको टिकट ना देकर कोरबा लोकसभा से प्रत्याशी बनाया है।
पैराशूट की लैंडिंग कोरबा में
कोरबा लोकसभा तो सामान्य सीट है लेकिन यहां एसटी और ओबीसी समुदाय के अधिक मतदाता निवास करते हैं। ऐसे में पार्टी को इसको ध्यान रखते हुए नीतिगत निर्णय लेने चाहिए थे पर पार्टी ने पैराशूट की दुर्ग से लैंडिंग कोरबा लोकसभा में करा दी जिससे सभी लोग हतप्रभ हो गए और कुछ तो सदमे में आ गए और कार्यक्रम में नजर भी नही आए।
कार्यकर्ता नहीं रहे उपस्थित भाजपा जिला संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उनके
कार्यक्रम में नजर नहीं आए। अध्यक्ष राजीव सिंह के अलावा उनके महामंत्री और मंत्री सहित अन्य लोग नजर नहीं आए। जबकि महिला मोर्चा की सक्रियता देखने को मिली। उनके सभी लोग उपस्थित रहे। वैसे पार्टी से ही चर्चा निकली है कि इनको दुर्ग और रायपुर में टिकट देने का चल रहा था लेकिन वहां से अन्य को टिकट देने से सरोज पांडे को नाराज भी नहीं कर सकते। ऐसे में कोरबा बेहतर विकल्प लगा।
आदिवासी नेताओं को तवज्जो पहली बार सांसद प्रत्याशी के
कोरबा पहुंचने से पहले भाजपा जिलाध्यक्ष ने जिले के सभी आदिवासी नेताओं को तवज्जो देते हुए मंच में विराजमान कर दिया। रामपुर क्षेत्र के पूर्व विधायक ननकीराम कंवर, पाली-तानाखार के प्रत्याशी रहे रामदयाल उईके को विशेष तौर से आमंत्रित कर बुलाया गया था। जिलाध्यक्ष ने अपने उद्बोधन में कहा कि इन नेताओं के प्रयास से ही कोरबा लोकसभा का चुनाव जीत पाना संभव होगा।