कांकेर, कोरबा, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा को भाजपा ने कमजोर माना था, झोंकी थी ताकत भाजपा नेताओं की आंतरिक रिपोर्ट में कांकेर में टक्कर!

{कोरबा Times} प्रदेश  में हुए लोक सभा चुनाव के बाद भाजपा ने राज्य की 11 लोकसभा सीटों पर तीन चरणों में हुए मतदान के बाद जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, प्रदेशाध्यक्ष किरणदेव व सभी प्रवक्तागण सभी 11 सीटों पर जीत का दावा कर रहे हैं, किंतु संगठन की आंतरिक रिपोर्ट में एक सीट कांकेर अब भी कमजोर मानी जा रही है। हालांकि कोई भी भाजपा नेता इसे खुलकर नहीं बोल रहा है। केवल इतना कहते हैं कि कांकेर भी जीत जाएंगे, भले ही मार्जिन कम रहे।

दरअसल भाजपा सूत्रों का कहना है कि चुनाव के प्रथम चरण से ही 11 में से 4 सीटों कांकेर, कोरबा, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा को में भाजपा ने कमजोर माना था।

जिस पर मतदान की तिथि आते-आते पूरी ताकत झोंकी गई, ताकि नतीजे पक्ष में रहे। अब राज्य में तीनों चरणों के मतदान हो गए हैं, लिहाजा भाजपा नेता दावा कर रहे हैं कि सभी 11 सीटों पर जीत तय है, भले ही मार्जिन कम या ज्यादा हो सकती है। मतदान के बाद आमतौर पर भाजपा की रिपोर्टिंग की जो प्रक्रिया है, उसके मुताबिक बूथ पड़े वोटों की गणना से ही नतीजे का अनुमान लगाते हैं। इसके लिए एक-एक मतदान एजेंट बूथ एजेंट से रायशुमारी की जाती है। इसके अलावा लोकसभा प्रभारी, विधानसभा प्रभारी, चुनाव प्रभारी व प्रत्याशी से भी रिपोर्ट मांगी जाती है, फिर समीक्षा कर नतीजे पर पहुंचते हैं। गत 7 मई मंगलवार को जैसे ही तीसरे चरण के चुनाव संपन्न हुए, बताया गया कि भाजपा संगठन के नेताओं ने देर रात तक सभी से प्रारंभिक रिपोर्ट ली।

मोदी को बनाया ब्रांड, चुनावी माहौल को रखा पक्ष में

भाजपा के रणनीतिकारों की मानें तो पार्टी ने चुनाव के दौरान सभी पहलुओं पर काम किया। जिसके चलते नतीजे पक्ष में आने का दावा कर रहे हैं। वैसे तो भाजपा ने लोकसभा चुनाव की तैयारी गत 23 दिसंबर से ही प्रारंभ कर दी थी, जब विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे और राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री शिवप्रकाश ने ठाकरे परिसर में पहली बैठक लेकर लोकसभा चुनाव में जुटने का आह्वान किया था। फिर एक जनवरी को सभी 11 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर चौंकाने का काम किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ब्रांड के रूप में प्रस्तुत किया, इसके साथ चुनावी माहौल बनाने में सफलता पाई।

भाजपा प्रवेश कराकर दिखाते रहे कमजोर हो रही कांग्रेस

दूसरे चरण में जातिगत व क्षेत्रीय संतुलन में तालमेल बिठाने की कोशिश की, राष्ट्रीय नेताओं को प्रचार में झोंका ताकि चुनावी माहौल का तड़का बरकरार रहे, प्रचार संसाधनों की कमी नहीं होने दी, इसके अलावा अन्य पार्टियों के नेताओं का भाजपा प्रवेश कराकर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को कमजोर दिखाने की कोशिश हुई। सीएम, प्रदेशाध्यक्ष का दावा, प्रत्याशी जीत को लेकर आशावान- तीनों चरण के चुनाव के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और प्रदेशाध्यक्ष किरणदेव 11 में से 11 सीटों पर जीत का दावा कर रहे हैं। भाजपा के सभी 11 प्रत्याशी भी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। फिलहाल वे मतदान के बाद मतदाताओं समेत प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सहयोग व आशीर्वाद के लिए लोगों का आभार जता रहे हैं और भविष्य में भी सहयोग और आशीर्वाद की अपेक्षा कर रहे हैं।

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